Menu
blogid : 13107 postid : 730834

बलात्कार पर समाजवादी नजरिया

mudda
mudda
  • 7 Posts
  • 16 Comments

लोहिया का समाजवाद आज माथा पकड़ कर खूंन के आंसू रो रहा होगा अपने शिष्यों और समाजवाद का झंडा बुलंद करने वाले समाजवादियों के फिसलती जबान पर | समाजवादी पार्टी खुद को उन्ही लोहिया के आदर्शों और सिद्धांतो पर चलनेवाली पार्टी बताती है जिन्होंने राजनीति में शुचिता लाने के लिए अपने ही तात्कालिक सरकार से इस्तीफ़ा मांग लिया था क्योकि उस सरकार ने आंदोलनकारियों पर गोलियां चलवा दी थी| वो कहा करते थे “हिंदुस्तान की राजनीति में तब सफाई और भलाई आएगी जब किसी पार्टी के खराब काम की निंदा उसी पार्टी के लोग करें।….” अब आज मुलायम सिंह जी से इस्तीफ़ा कौन समाजवादी मांगेगा, कौन समाजवादी निंदा करेगा उस बयान का जो गोली से ज्यादा मारक क्षमता से लैस था और देश कि आधी आबादी (महिला) के विरुद्ध चंद बलात्कारियों के वोट पाने के लिए उन्होंने मुरादाबाद में दिया है कि “बलात्‍कार (रेप) के मामलों में फांसी की सजा देना गलत है। लड़कों से गलतियां तो हो जाती हैं।” अब मुलायम जी पहले ये स्पष्ट करे कि कि उनके समाजवादी डिक्शनरी में बलात्कार का अर्थ क्या है? क्या ये “जघन्य अपराध” है या महज एक “गलती” जो लड़कों से हो जाया करती है | इस सवाल का जवाब देश कि आधी आबादी से जुडी हुयी है इसलिए या तो नेता जी माफ़ी मांगे या स्वीकार करें कि उनका बयान सही है और इसमें कुछ गलत नहीं यही लोहिया के समाजवाद में लिखा है हम उसी का अनुसरण कर रहे हैं | बेशर्मी कि हद तो तब हो गयी जब अपने नेता के बचाव में तमाम समाजवाद के अबु आज़मी जैसे रहनुमा उनका बचाव करते नज़र आये और तरह तरह के कुतर्कों के साथ उनके बचाव करने में वो खुद उसी तरह बयान दे दिए और साबित कर दिया की समाजवाद की एक अलग दुनिया है जहाँ लोहिया के सिद्धांत और दर्शन चिंतन सिर्फ चुनावी घोषणा पत्र, लच्छेदार भाषणो, लाल टोपी, मंच, स्टेज पर ही मिलता है बाकि समय वो पार्टी कार्यालय के मेज की दराज़ में रखी रहती हैं…काश लोहिया के विचार इन समाजवाद के ध्वजवाहको के सार्वजानिक जीवन में भी आ जाये | नेता जी ने ये बयान “शक्ति मिल रेप ” में आये न्यायालय के फैसले के सन्दर्भ में दे रहे थे लेकिन निशाना अल्पसंख्यक वोट वोट बैंक कि तरफ था| रेपिस्ट न हिन्दू होता है,न मुसलमान. लेकिन मुलायम सिंह को रेपिस्टों से हमदर्दी है क्योंकि जिन्हें फांसी हुई, उनमे दो मुस्लिम हैं.| मुलायम जी अब बलात्कारियों को हिन्दू- मुसलमान के चश्मे से देखते हैं और उन्हें कोर्ट के फैसले में खोट नज़र आता है| आजम खान सेना को हिन्दू-मुसलमान में बाँट रहे हैं | बलात्कारियों को फांसी हो या नहीं,इसपर बहस हो सकती है लेकिन ये कहना कि लड़के हैं,गलती हो जाती है,शर्मनाक है, निंदनीय है जो भी कहा जाये कम है| मुलायम जी ने जुबानी गोली चला दी है अब देखना है राष्ट्रीय महिला आयोग और चुनाव आयोग क्या कदम उठता है| अगर महिला आयोग, चुनाव आयोग, कानून ईमानदारी से काम करेगी तो मुलायम जी को निश्चित रूप से इसका जवाब देना होगा और अगर नहीं कि तो फिर किसी निर्भया कि अस्मिता लुटेगी हम इंडिया गेट पर मोमबत्ती जलाएंगे और थोड़ा सा जिंदाबाद-मुर्दाबाद करेंगे और घर आकर सो जायेंगे और बलात्कारी “छोटी सी गलती” के लिए छोटी सजा पकार फिर किसी निर्भया और गुड़िया कि तलाश में निकल पड़ेंगे..|

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply